डबल सिरताज बनना है तो डबल अहिंसक बनो।
- डबल अहिंसक अर्थात काम और क्रोध से मुक्त आत्मा।
- काम विकार मेरा दुश्मन है। इसे सुभ कामना से बदलना है।
- सुभ कामना अर्थात किसी के प्रति गलत कामना नहीं हो।
- देह अभिमान इस इच्छा को बराता है।
- मैं एक आत्मा हूं। इसे अनुभव करना ही देहि अभिमानी कहेंगे।
- इसके लगातार अभ्यास से सब विकार खतम हो जाता है।
- अहंकार से काम और क्रोध आता है। अगर आप निर्माण है तो आप बचे रहेंगे।
डबल सिरतज बनना है तो डबल इंजन बाप दादा की मदत लो।
देह अभिमान से नुकसान:
देह अभिमान-
- समय वेस्ट करवाता है।
- श्रीमत उलंघन करवाता है।
- आलसी और अल्वेलापन लता है।
- दृष्टि में नेगेटिविटी अजाता है।
- दृष्टि देह की तरफ आकर्षित होता है।
- रिश्ते खराप करवाता है।
- शरीर रोगी बनते जाता है।
- मन depression में चला जाता है।
- जीवन में उमंग उत्साह खतम करवाता है।
- व्यक्ति को बंधन में लता है और उसे बहुत बोझ का महसूस करवाता है।
- Life style एकदम बेकार सा हो जाता है।
- ईर्षा द्वेष क्रोध जैसे खतरनाक वृत्तियां दिखाई पत्र है।
- चेहरा में निखार कम होने लगता है।
- मनुष्य जीवन कोरी तुल्य बन जाता है।
इसका उपाय: देही अभिमानी स्तिति
देही अभिमान की फायदे:
देही अभिमान-
- मनुष्यो को एक बसुधिवो कुटुम्बकम के नाते में जोड़ता है।
- दृष्टि और वृत्ति हद से निकल बेहद में हो जाता है।
- सिर्फ अपना लौकिक परिवार ही मेरा परिवार नही रहता पर पूरा विश्व अपना परिवार जैसा लगता है।
- दृष्टि में तेज और शक्तियां का मेहसूस्ता होता है।
- मन हल्का और खुसल होने लगता है।
- मन पॉजिटिव होने से कारण शरीर शांत और निरोगी होने लगता है।
- सभी विकारों से मुक्त होने लगता है।
- जीवन उमंग उत्साह से भर जाता है।
- समय को यथार्थ रीति से सफल करता है।
- सबके प्रति सुभ भावना सूभ कामना का feeling रहता है।
- चेहरा निखारने लगता है।
- जीवन में खुशी बरते रहता है।
इससे हम ये कह सकते है की देह अभिमानी स्थिति बोहोत ही नुकसान और देही अभिमानी स्थिति बोहोत ही फैडमैन हो सकता है।
अगर आप का भी कुछ प्वाइंट एड करना है तो कमेंट में लिख सकते है।
ओम शांति।